एक बूढ़ा बाबा जो बहुत ही समझ बूझ रखता था,लोग उसे अनुभवी मानते थे। वह एक बार एक गांव से गुजर रहे थे उसने देखा कि एक घर के आंगन में एक आदमी खाट पर लेटा है और सामने मुर्गी के कुछ चुजें दाना चुग रहे हैं लेकिन, हैरानी उसे यह देखकर हुई कि मुर्गी के उन चुजों में बाज का बच्चा है लेकिन वह भी उन चुजों की तरह दाना खा रहा था।
यह देखकर उस बाबा ने उस खाट पर लेटे व्यक्ति से पूछा कि ऐसा क्यों? की यह बाज का बच्चा जिसे आसमानों की ऊंचाई नापने चाहिए यह कैसे एक चूजा बन गया?
उस व्यक्ति ने जवाब दिया कि जब यह पैदा हुआ तो उसने देखा कि यह एक मुर्गी के डरबे(घोंसला) में है इसलिए उसने अपने आपको मुर्गी का एक चूजा ही माना और अब वह उन्हीं की तरह दाना खाता है।
उस बाबा को यह बात कुछ पसंद नहीं आई, कुछ अजीब सी लगी, उसने उस आदमी से कहा कि एक काम करते हैं आप बाज का यह बच्चा हमें दे दे, उसके बदले में चाहे आप जो कीमत मांगो मैं देने के लिए तैयार हूं। खैर जैसे-तैसे सौदा तय हुआ तो बाबा बाज का बच्चा लेकर अपने घर को आ गया।
अब वह रोज सुबह-शाम उस बच्चे को यह समझाने की कोशिश करता है कि, तू बाज का बच्चा है, अपने आप को पहचान तेरा ठिकाना पहाड़ों में है, लेकिन वह अपने आप को चूजा समझ रहा था। वह अपना मुंह परो में छुपा लेता था, कुछ दिन यूं ही गुजर गए लेकिन जब उस बाबा ने देखा कि इतनी बार बोलने के बाद भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा तब उसने एक दिन बच्चे को लिया और एक ऊंची पहाड़ी से यह कहते हुए नीचे फेंक दिया कि तू एक बाज का बच्चा है, अपने आप को पहचान या मौत ही तेरा मुक़द्दर है,
लेकिन वह जो अपने आप को चूजा समझ रहा था डर गया और कहा 'अपनी आंखें बंद कर लो अब तो मरना ही है' लेकिन उसने महसूस किया कि गिरने में अभी बहुत वक्त है, जमीन काफी नीचे है तो उसने अपने पंख फैलाए और हवा में मारना शुरू किया,
अब था तो वह असल में बाज का बच्चा तो थोड़ी सी कोशिश के बाद वह हवा में उड़ने लगा खुद को खुद को यूं उड़ता देख वह खुश हुआ और बाबा से बोला शुक्रिया तुमने मेरी हकीकत बता दी।
बाबा मुस्कुराया, अपने घर आया अपनी पोटली से कुछ कागज निकाली और उन पर लिखने लगा बाबा ने लिखा "हम इंसान उस बाज के एक बच्चे की तरह है जो नहीं जानते कि हम असल में क्या है और क्या कर सकते हैं" हमें आसपास के लोग, मीडिया, बुरे दोस्त बताते हैं कि हम मुर्गी के चूजे हैं हमें दबकर, डरकर हालातों से समझौता करते हुए जीना होगा, लेकिन जब हम अपने मुश्किल वक्त में अपने आप को पहचानने की कोशिश करते हैं और समझ लेते हैं कि हम क्या हैं,
तो इस दुनिया में कोई भी ऐसी चीज बाकी नहीं रहती जो हम हासिल नहीं कर सकते।
यह देखकर उस बाबा ने उस खाट पर लेटे व्यक्ति से पूछा कि ऐसा क्यों? की यह बाज का बच्चा जिसे आसमानों की ऊंचाई नापने चाहिए यह कैसे एक चूजा बन गया?
उस व्यक्ति ने जवाब दिया कि जब यह पैदा हुआ तो उसने देखा कि यह एक मुर्गी के डरबे(घोंसला) में है इसलिए उसने अपने आपको मुर्गी का एक चूजा ही माना और अब वह उन्हीं की तरह दाना खाता है।
उस बाबा को यह बात कुछ पसंद नहीं आई, कुछ अजीब सी लगी, उसने उस आदमी से कहा कि एक काम करते हैं आप बाज का यह बच्चा हमें दे दे, उसके बदले में चाहे आप जो कीमत मांगो मैं देने के लिए तैयार हूं। खैर जैसे-तैसे सौदा तय हुआ तो बाबा बाज का बच्चा लेकर अपने घर को आ गया।
अब वह रोज सुबह-शाम उस बच्चे को यह समझाने की कोशिश करता है कि, तू बाज का बच्चा है, अपने आप को पहचान तेरा ठिकाना पहाड़ों में है, लेकिन वह अपने आप को चूजा समझ रहा था। वह अपना मुंह परो में छुपा लेता था, कुछ दिन यूं ही गुजर गए लेकिन जब उस बाबा ने देखा कि इतनी बार बोलने के बाद भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा तब उसने एक दिन बच्चे को लिया और एक ऊंची पहाड़ी से यह कहते हुए नीचे फेंक दिया कि तू एक बाज का बच्चा है, अपने आप को पहचान या मौत ही तेरा मुक़द्दर है,
लेकिन वह जो अपने आप को चूजा समझ रहा था डर गया और कहा 'अपनी आंखें बंद कर लो अब तो मरना ही है' लेकिन उसने महसूस किया कि गिरने में अभी बहुत वक्त है, जमीन काफी नीचे है तो उसने अपने पंख फैलाए और हवा में मारना शुरू किया,
अब था तो वह असल में बाज का बच्चा तो थोड़ी सी कोशिश के बाद वह हवा में उड़ने लगा खुद को खुद को यूं उड़ता देख वह खुश हुआ और बाबा से बोला शुक्रिया तुमने मेरी हकीकत बता दी।
बाबा मुस्कुराया, अपने घर आया अपनी पोटली से कुछ कागज निकाली और उन पर लिखने लगा बाबा ने लिखा "हम इंसान उस बाज के एक बच्चे की तरह है जो नहीं जानते कि हम असल में क्या है और क्या कर सकते हैं" हमें आसपास के लोग, मीडिया, बुरे दोस्त बताते हैं कि हम मुर्गी के चूजे हैं हमें दबकर, डरकर हालातों से समझौता करते हुए जीना होगा, लेकिन जब हम अपने मुश्किल वक्त में अपने आप को पहचानने की कोशिश करते हैं और समझ लेते हैं कि हम क्या हैं,
तो इस दुनिया में कोई भी ऐसी चीज बाकी नहीं रहती जो हम हासिल नहीं कर सकते।
इस कहानी से मैंने और एक बात सीखी मैंने सीखा कि 'जब इंसान मुसीबत में होता है तो उसका उस मुसीबत में किया गया हर एक काम उसे महानता की करीब ले जा रहा होता है' और कोरोना या लॉकडाउन की सिचुएशन में यह बहुत ही अच्छा मौका है कि हम अपने आप को बेहतर बनाए। हालात बुरे हैं हम अपने आप को महानता की ओर ले जा सकते हैं। खाली बैठकर अपना टाइम वेस्ट करने से अच्छा है कि आप 10 मिनट ही सही हमारे मोटिवेशनल पोस्ट को पढ़ें ताकि आप हमेशा पॉजिटिव रहे। हमारा पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद🙏🙏🙏 🎯............🚴🚴♀️
A parrot talks way too
much but can't fly high, but
an eagle is silent and has
the power to touch the sky.
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